मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

परिचय

श्री सवाई सिंह शेखावत

जयपुर जिले के ललाणा गांव में  संवत 2003  में जन्मे सवाई सिंह शेखावत  ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत एक कवि के रूप में की। पिछले लगभग तीस वर्षों से रचनाशील शेखावत ने कुछ कहानियाँ और आलोचनात्मक लेख भी लिखे। उन्होंने हिन्दी के अतिरिक्त राजस्थानी में भी कहानियाँ और ग़ज़लें लिखीं। उनकी पहली राजस्थानी कहानी कूँपळ काफ़ी चर्चित रही और तेलुगू तथा हिन्दी में अनूदित हुई।
उनके पहले दोनों कविता–संग्रह पुरस्कृत हुए। 
घर के भीतर घर 1987, राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा सुमनेश जोशी पुरस्कार से तथा पुराना डाकघर और अन्य कविताएँ 1994, राजस्थान साहित्य अकादमी द्वारा सुधीन्द्र पुरस्कार से पुरस्कृत। उनका तीसरा कविता–संग्रह दीर्घायु हैं मृतक अपनी अनूठी व्यंजनात्मकता के कारण साहित्यिक हलके में खासा चर्चित रहा। 
शेखावत ने अनियतकालीन साहित्यिक अख़बार बखत तथा राजस्थान सरकार के विकास विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका राजस्थान विकास का भी कुछ वर्षों तक सम्पादन किया।
इन दिनों शेखावत अपने उपन्यास का अंतिम पाठ तैयार कर रहे हैं।

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